Saturday, October 4, 2014

FB POST - 4

दोस्तों , कभी कभी कुछ बाते ऐसी हो जाती है कि लगता है ,सबसे बड़ा पुरस्कार मिल गया .
पिछले दिनों मैंने BSF के लिए "आत्महत्या " नाटक लिखा था . उसे पढने के बाद मुझे कई फ़ोन आये और कई कलाकारों ने उसे प्ले /मंचन करने के लिए मुझसे अनुमति मांगी . जो मैंने सहर्ष दे दी.
फिर एक दिन एक फ़ोन आया . भोपाल के चिंगारी ट्रस्ट से ! उन्होंने कहा कि मैं उनके लिए एक नाटक लिखू ,जो कि भोपाल गैस ट्रेजिडी पर हो . फिर उन्होंने कहा कि उस पर उनके ट्रस्ट के विकलांग बच्चे जो कि भोपाल गैस काण्ड के पीडीत है ,काम करेंगे . सुनकर मन भीग गया . मैंने तुरत हां कह दी . अब मैं उस पर काम कर रहा हूँ . वो नाटक बन जाए तो भोपाल का ये ट्रस्ट उस पर अपने ट्रस्ट के विकलांग बच्चो से प्ले करायेंगे . और उसकी फिल्म भी बनेंगी ,जिसे वो अपने डोनर्स /दानकर्ताओ से शेयर करेंगे और उनके ट्रस्ट को सहायता मिलेंगी.
अगर मेरे लेखन से इन बच्चो का भला हो जाए , इससे बड़ा अवार्ड और क्या होंगा .
भगवान इनका भला करे और मुझे लिखने का हौसला दे !
आपका अपना
विजय

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