Saturday, October 4, 2014

FB POST SEPT 5

दोस्तों , 
एक और खुशखबरी !

पिछले दिनों मुझे ओशो की भूमि गाडरवारा में ओम साहित्य सम्मान से नवाज़ा गया. ये सम्मान स्व. ओमप्रकाश सोनी की याद में दिया जाता है . इसे चेतना साहित्यिक मंच के द्वारा दिया गया. मैं इसके लिए चेतना मंच , श्री Vijay Besharmऔर श्रीसतीश तिवारी सरस तथा अन्य गणमान्य साहित्यिक गुरुजनों को धन्यवाद देता हूँ , जो वहां उपस्तिथ थे और जिन्होंने मेरी कृति “ एक थी माया “ – कहानी संग्रह को इस सम्मान से नवाज़ा. उन सभी का और आप सभी का धन्यवाद.

मेरे लिए ये दोहरी ख़ुशी का मौका है . एक तो साहित्यिक सम्मान और दूजा ओशो की भूमि पर ये सम्मान !

बहुत कम लोग जानते है कि मैं पिछले २५ सालो से ओशो से जुड़ा हुआ हूँ और मैने ओशो neo-sanyas से संन्यास लिया हुआ है , मेरा संन्यास का नाम स्वामी प्रेम विजय है . और गाडरवाडा ओशो की जन्मस्थली है . गाडरवाडा के पास एक गाँव है कुचवाडा ; जहाँ ओशो ने जन्म लिया और उनकी शुरू की शिक्षा गाडरवाडा में हुई. वही उन्होंने मृत्यु को समझा वहीँ से उनके भीतर का ट्रांसफॉर्मेशन शुरू हुआ . कुछ लोग ओशो के प्रवचनों में हिंदी साहित्य को नहीं देख पाए है . पर मेरे लिए वो मेरे ९ गुरुओ में से एक तो है ही और एक अच्छे साहित्यकार भी है . तो ओशो के भूमि पर ही साहित्य का सम्मान पाना मेरे लिए बहुत बड़ी ख़ुशी है . ओशो और मेरे रिश्ते की दो कड़ियां छुट गयी थी , ये उनमे से एक है .और मुझे इस बात की बहुत ख़ुशी है .

और हां जो मेरे अध्यात्मिक रूप से मिलना चाहते है वो उनका स्वागत है , मैं फेसबुक पर एक online spiritual commune संचालित करता हूँ , आप उससे जुड़े . [https://www.facebook.com/groups/vijaysappatti/ ] इस बारे में फिर कभी बात करूँगा . अभी तो बधाईयाँ खड़काना है आप सभी को !

शुक्रिया आप सभी का भी , जो मुझे पढ़ते रहते है . मेरा उत्साह बढाते है .
अब इसके पहले कि मैं और भावुक हो जाऊं , आप लोग बधाईयाँ खडकाना शुरू करो ....
अरे चलो शुरू हो जाओ दोस्तों ....बधाईयाँ खडकाओं !

आपका अपना
विजय



FB POST - 4

दोस्तों , कभी कभी कुछ बाते ऐसी हो जाती है कि लगता है ,सबसे बड़ा पुरस्कार मिल गया .
पिछले दिनों मैंने BSF के लिए "आत्महत्या " नाटक लिखा था . उसे पढने के बाद मुझे कई फ़ोन आये और कई कलाकारों ने उसे प्ले /मंचन करने के लिए मुझसे अनुमति मांगी . जो मैंने सहर्ष दे दी.
फिर एक दिन एक फ़ोन आया . भोपाल के चिंगारी ट्रस्ट से ! उन्होंने कहा कि मैं उनके लिए एक नाटक लिखू ,जो कि भोपाल गैस ट्रेजिडी पर हो . फिर उन्होंने कहा कि उस पर उनके ट्रस्ट के विकलांग बच्चे जो कि भोपाल गैस काण्ड के पीडीत है ,काम करेंगे . सुनकर मन भीग गया . मैंने तुरत हां कह दी . अब मैं उस पर काम कर रहा हूँ . वो नाटक बन जाए तो भोपाल का ये ट्रस्ट उस पर अपने ट्रस्ट के विकलांग बच्चो से प्ले करायेंगे . और उसकी फिल्म भी बनेंगी ,जिसे वो अपने डोनर्स /दानकर्ताओ से शेयर करेंगे और उनके ट्रस्ट को सहायता मिलेंगी.
अगर मेरे लेखन से इन बच्चो का भला हो जाए , इससे बड़ा अवार्ड और क्या होंगा .
भगवान इनका भला करे और मुझे लिखने का हौसला दे !
आपका अपना
विजय

FB POST -SEPT 3

चुटकुला नंबर :: 52



किसान का लड़का गूगल सर्च पर लिखता है :
हाउ टू इम्प्रेस ए गर्ल , इफ वीक इन इंग्लिश ???
गूगल सर्च का जवाब आता है :
अरे बावले सुधर जा , जाकर खेती कर , तेरे खेत बिक जायेंगे इनके चक्कर में !!
      

FB POST SEPT 2

This is so true with me .... i read more than 8000 books in my life so far and still counting ...   





FB SEPT 1

my photographic romance : self portrait 
location : gaadarwada rice/sugarcane fields 
© photography by vijay kumar


FB POST OCT -2

जन्मदिन की शुभकामनाये बापू !
आप न होते तो देश का तो पता नहीं क्या होता , पर मैं भी बहुत कुछ सीखने से चूक जाता .बहुत कुछ तो मैंने आपसे भी सीखा है . शुक्रिया बापू !


FB POST - OCT

दोस्तों
एक और खुशखबरी !
बीते दिनों , स्वर्गविभा अंतरजाल पत्रिका द्वारा आयोजित शिष्टाचार विषय पर आयोजित आलेख प्रतियोगिता में मुझे प्रथम पुरस्कार मिला है .
स्वर्गविभा की संस्थापिका डॉ० श्रीमती तारा सिंह है जो स्वंय एक प्रवीण साहित्यकार है और ये पत्रिका डॉ.सिंह और श्री राजीव जी के साथ संचालन करती है .
Swarg Vibha मेरे लिए हमेशा ही महत्वपूर्ण पत्रिका रही है. मेरी कई कविताएं और कहानिया उसमे प्रकाशित हुई है .
बचपन में आलेख या निबंध लिखा करता था . ब्लोगींग में आने के बाद से कुछ आलेख लिखे जरुर है.
शिष्टाचार पर आलेख लिखना मेरे लिए एक बहुत अच्छी कार्यशाला साबित हुई . मैं तो एक शिष्टाचारी व्यक्ति हूँ , लेकिन समझ में नहीं आ रहा था कि ऐसा क्या लिखू कि जिससे मैं बच्चो को शिक्षा दे सकू . क्योंकि बहुत सी बाते थी जो व्यक्ति को शिष्टाचारी बनाती है. लेकिन जब उन्हें लिखने को कहा जाए तो शब्द कम पढ़ जाते है .मैंने इस के लिए कुछ किताबे और इन्टरनेट की दुनिया छानी. इस मामले में युगनिर्माण योजना वालो से अच्छी जानकारी मिली. और इस तरह से एक अच्छा आलेख तैयार हुआ है . बहुत जल्दी ये आलेख मैं अपने ब्लॉग पर लगाउंगा, आप लोग इसे जरुर पढ़े !
मुझे इस पुरस्कार से बहुत ख़ुशी हुई है . सम्मान तो सभी को प्रिय होता है और अगर आप लोग भी शिष्टाचार को अपनाते हुए मेरे लिए बधाईयाँ खडकाओं तो मुझे और भी ख़ुशी होंगी .
तो मेरे प्यारे और अजीज दोस्तों शुरू हो जाओ . बधाईयाँ देने का मौसम आया है !!!
बधाईयाँ खडकाओं  
आपका अपना
विजय