आजकल विजय बाबा धीरे धीरे क्षेत्रीय साहित्य अकादेमी की पत्रिकाओ में छपने लगे है . पहले कर्नाटक साहित्य अकादमी , अब हरियाणा साहित्य अकादमी .... सिलसिला यूँ ही जारी रहे तो वो दिन दूर नहीं कि मरने के पहले विजय बाबा को साहित्य अकादमी और ज्ञानपीठ अवार्ड मिल ही जाए ..... का कहते हो Mahfooz Ali और Shayak Alok ..भाया ::P वैसे ये एक wishful thinking है विजय बाबा उर्फ़ मुंगेरीलाल के हसीन सपने
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